Char Dham Yatra 2025: छोटा चार धाम, यात्रा का क्रम और आवश्यक जानकारी

Char Dham Yatra 2025: छोटा चार धाम, यात्रा का क्रम और आवश्यक जानकारी

 

Char Dham Yatra:-

छोटे चार धाम यात्रा, जिसे ‘छोटे चार धाम’ तीर्थयात्रा भी कहा जाता है, उत्तराखंड की अद्भुत गढ़वाल हिमालय श्रृंखला में स्थित चार पवित्र धामों की यात्रा है। यह यात्रा चार प्रमुख तीर्थ स्थलों — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ — के दर्शन पर आधारित है। माना जाता है कि इस यात्रा को करने से आत्मा की शुद्धि होती है और अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।

2025 में, भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु इस दिव्य यात्रा पर निकलेंगे। यदि आप भी इस पवित्र यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह संपूर्ण मार्गदर्शिका आपकी मदद करेगी।

छोटे चार धाम का महत्व:

हिंदू धर्म में ये चारों धाम अत्यंत धार्मिक महत्व रखते हैं:

यमुनोत्री: यह यमुना नदी का उद्गम स्थल है और इसे देवी यमुना को समर्पित किया गया है। मान्यता है कि यमुना में स्नान करने से पापों का नाश होता है।

गंगोत्री: यह गंगा नदी का उद्गम स्थल है, जो भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। यह तीर्थ देवी गंगा को समर्पित है। मान्यता है कि राजा भगीरथ ने भगवान शिव की तपस्या कर गंगा को पृथ्वी पर लाया था ताकि वे अपने पूर्वजों को मोक्ष दिला सकें।

केदारनाथ: यह भगवान शिव को समर्पित है और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था।

बद्रीनाथ: यह भगवान विष्णु को बद्रीनारायण के रूप में समर्पित है। यह 108 दिव्य देशमों (भगवान विष्णु के प्रमुख मंदिरों) में से एक है और इसे प्राचीन ग्रंथों में विशेष रूप से वर्णित किया गया है।

यात्रा का क्रम:

परंपरागत रूप से, छोटे चार धाम यात्रा दक्षिणावर्ती (घड़ी की दिशा में) की जाती है। इसका क्रम इस प्रकार है:

यमुनोत्री: यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है। तीर्थयात्री आमतौर पर जानकी चट्टी तक वाहन से जाते हैं और वहां से लगभग 6 किलोमीटर का ट्रेक (या घोड़े/पालकी की सहायता) करके यमुनोत्री मंदिर पहुंचते हैं।

Char Dham
                       Yamunotri

गंगोत्री: यमुनोत्री के बाद अगला पड़ाव होता है गंगोत्री। यमुनोत्री से गंगोत्री तक की यात्रा सड़क मार्ग से होती है, जो अक्सर बरकोट और उत्तरकाशी जैसे सुंदर स्थानों से होकर गुजरती है। गंगोत्री मंदिर सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

Char Dham
                            Gangotri

केदारनाथ: गंगोत्री के बाद तीर्थयात्री केदारनाथ की ओर बढ़ते हैं। यह यात्रा गौरीकुंड तक सड़क मार्ग से होती है, इसके बाद लगभग 18 किलोमीटर की पदयात्रा करके केदारनाथ मंदिर पहुंचा जाता है। जो लोग ट्रेक नहीं कर सकते उनके लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है।

Char Dham
                           Kedarnath

बद्रीनाथ: छोटे चार धाम यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ है। केदारनाथ से बद्रीनाथ तक की यात्रा सड़क मार्ग से होती है। बद्रीनाथ मंदिर बद्रीनाथ नगर में स्थित है और वहां तक वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

Char Dham
                            Badrinath

खुलने और बंद होने की तिथियाँ – 2025:

छोटे चार धाम मंदिरों के खुलने और बंद होने की तिथियाँ हर साल हिंदू पंचांग और मौसम की स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। 2025 के लिए अनुमानित तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

यमुनोत्री:

  • खुलने की तिथि: अक्षय तृतीया (30 अप्रैल 2025)
  • बंद होने की तिथि: भाई दूज के आस-पास (23 अक्टूबर 2025)

गंगोत्री:

  • खुलने की तिथि: अक्षय तृतीया (30 अप्रैल 2025)
  • बंद होने की तिथि: दिवाली के अगले दिन के आस-पास (22 अक्टूबर 2025)

केदारनाथ:

  • खुलने की तिथि: मई के पहले सप्ताह में (संभावित रूप से 2 मई 2025)
  • बंद होने की तिथि: भाई दूज के आस-पास (23 अक्टूबर 2025)

बद्रीनाथ:

  • खुलने की तिथि: मई के पहले सप्ताह में (संभावित रूप से 4 मई 2025)
  • बंद होने की तिथि: सर्दियों के आरंभ में (संभावित रूप से 6 नवंबर 2025)

नोट: ये तिथियाँ अनुमानित (Tentative) हैं और अंतिम पुष्टि के लिए आधिकारिक वेबसाइट या मान्यता प्राप्त यात्रा आयोजकों से संपर्क अवश्य करें।

यात्रा का सर्वोत्तम समय:

छोटे चार धाम यात्रा के लिए आदर्श समय सामान्यतः मई से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है।

मई-जून:

इस दौरान मौसम सुहावना और तापमान सामान्य रहता है, जिससे यात्रा आरामदायक होती है। हालांकि, यह पीक सीजन होता है, इसलिए तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

सितंबर-अक्टूबर:

मानसून के बाद का समय होता है, जब मौसम साफ और ठंडा रहता है। इस समय दृश्यता अच्छी होती है और भीड़ भी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे यात्रा शांतिपूर्ण बनती है।

परहेज करें:

जुलाई-अगस्त (मानसून मौसम) के दौरान यात्रा से बचना चाहिए, क्योंकि इस समय भूस्खलन (landslides) और सड़क अवरोध (road blockages) की संभावना अधिक होती है।वहीं नवंबर से अप्रैल (सर्दियों) में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद रहते हैं।

 

Char Dham Registration (पंजीकरण) Link:- https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php

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