Basavaraju Top Maoist Leader ढेर:
मुख्य बातें (Key Highlights)
- तारीख: 21 मई 2025
- जगह: अबूझमाड़ जंगल, छत्तीसगढ़
- मारे गए: 27 माओवादी, जिनमें CPI (Maoist) के General Secretary Basavaraju शामिल
- ऑपरेशन: Narayanpur, Dantewada, Bijapur और Kondagaon के DRG जवानों की संयुक्त कार्रवाई
- महत्व: भारत के Left Wing Extremism (LWE) के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन
Abujhmad Encounter क्या हुआ?
- खुफिया जानकारी के आधार पर अबूझमाड़ के घने जंगलों में ऑपरेशन चलाया गया।
- यह इलाका लंबे समय से माओवादी कमांड और ट्रेनिंग का गढ़ रहा है।
- कई घंटे तक चला भारी मुठभेड़।
- 1 जवान शहीद, कुछ घायल लेकिन स्थिर हालत में।
- भारी मात्रा में हथियार और शव बरामद।
Basavaraju कौन था?
- पूरा नाम: नंबाला केशव राव
- उपनाम (Aliases): Gaganna, Krishna, Narasimha, Prakash
- पद: General Secretary, CPI (Maoist) 2018 से
- उम्र: लगभग 70 साल
- जन्म स्थान: जियन्नापेट, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश
- शिक्षा: B.Tech, Regional Engineering College (अब NIT Warangal)
- इनामी राशि: ₹1.5 करोड़ (NIA की Most Wanted लिस्ट में शामिल)
- भूमिका:
- Central Military Commission का प्रमुख
- माओवादी हमलों की रणनीति और execution का मास्टरमाइंड
- IEDs और Guerrilla Tactics में माहिर
Basavaraju से जुड़े बड़े माओवादी हमले
- 2010: Chintalnar – 76 CRPF जवान शहीद
- 2013: Jhiram Ghati Attack – कई Congress नेताओं की मौत
- 2018: Sukma IED Blast – 9 CRPF जवान शहीद
- 2023: Dantewada Blast – 10 DRG जवान मारे गए
- 2025: Bijapur IED Attack – 8 DRG जवान शहीद
Basavaraju की मौत क्यों है Game Changer?
1. Leadership Crisis
- Basavaraju एक बड़ा रणनीतिकार और संगठन को जोड़ने वाला नेता था।
- उसके जाने से CPI (Maoist) में भारी नेतृत्व संकट पैदा होगा।
2. Operational Weakness
- Central Military Commission का प्रमुख होने के नाते, वह सभी बड़े माओवादी हमलों की योजना बनाता था।
- अब उनके पास ऐसा दिमाग नहीं बचा जो बड़ी साजिशें रच सके।
3. Morale & Recruitment पर असर
- कैडर का मनोबल टूटेगा।
- Telugu राज्यों से भर्ती पहले ही घट रही थी अब संगठन और कमजोर होगा।
4. Security Forces को Boost
- यह ऑपरेशन दर्शाता है कि अब फोर्सेस को ज्यादा intelligence, बेहतर coordination और टेक्नोलॉजी सपोर्ट मिल रहा है।
- सरकार का लक्ष्य है March 2026 तक Bastar को Naxal-Free बनाना।
अब आगे क्या? The Road Ahead
- Basavaraju की मौत से माओवादी आंदोलन को गहरा झटका लगा है, लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।
- कुछ इलाके अब भी CPI (Maoist) के कंट्रोल में हैं।
- सरकार का फोकस:
- माओवादियों को सरेंडर करने को मजबूर करना
- विकास और सुरक्षा के ज़रिए माओवाद को जड़ से खत्म करना
निष्कर्ष (Conclusion)
Basavaraju की मौत सिर्फ एक नेता का अंत नहीं, बल्कि भारत में माओवादी हिंसा के एक युग के अंत की शुरुआत हो सकती है। यह ऑपरेशन ना सिर्फ रणनीतिक रूप से, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी माओवादियों पर सबसे बड़ा वार है।